सक्ती जिले की दुरपा बाराद्वार की बेटी नेहा राठौर एयर होस्टेस बन माता-पिता का बढा रहीं सम्मान
सक्ती आज बेटियां जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं और अपने सपने को सच साबित कर रही है। बेटियों ने आज साबित कर दिखाया है कि वे बेटों से किसी भी मायने में कमतर नहीं हैं। यह बात सक्ती विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत दुरपा (बाराद्वार) की बेटी नेहा राठौर ने एयर होस्टेस केबिन क्रु बन कर सच साबित कर दिखाया है। राठौर समाज की एक सामान्य परिवार की बेटी जो बाराद्वार सरस्वती शिशु मंदिर में हिन्दी मीडियम से पढ़ाई करते हुए हायर सेकेण्डरी की परीक्षा उत्तीर्ण किया फिर उसके मन में आसमान में उड़ान भरने का सपना जागा और फिर उस बिटिया ने अपने सपने को साकार भी किया। अभी अवकाश पर अपने घर पहुंचीं केबिन क्रू नेहा राठौर से ब्यूरो मोहन अग्रवाल से खास बातचीत करते हुए एयर होस्टेस नेहा राठौर ने बताया कि अभी वे केरल त्रिवेंद्रम में एयर होस्टेस केबिन क्रु के पद पर पदस्थ हैं। एयर होस्टेस नेहा ने आगे बताया कि उनके लिए यह सफर आसान नहीं रहा। इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष व मेहनत किया है। एयर होस्टेस नेहा ने बताया कि जैसे ही हम अपने लिए कोई लक्ष्य बनाते हैं और हम उसे प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ते हैं तो फिर हमारे सामने चुनौतियां भी प्रकट होने लगती हैं। हमें उन चुनौतियों से घबराने के बजाय उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए और एकाग्रता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। तभी हम सफल हो सकते हैं। मैंने भी यही किया और दूसरे प्रयास में सफलता अर्जित किया। इस मौके पर एयर होस्टेस नेहा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ -साथ अपने गुरू जनों सहित परिजनों को दिया। जिनके सहयोग, मार्गदर्शन व आशीर्वाद से ही मेरा सपना साकार हो पाया है। निश्चित रूप से बेटियों ने आधुनिक भारत में संवैधानिक रूप से बेटों के समान अधिकार सम्पन्न होने के पश्चात शिक्षा का दामन थाम आज जीवन के हर क्षेत्र में अपनी सफलता से देश व समाज के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे रही हैं। गांव देहात में एक छोटे से गांव दुरपा की बेटी नेहा राठौर की एयर होस्टेस बनने की सफलता की कहानी निश्चय ही समाज में दूसरे बेटियों के लिए भी प्रेरणादाई होगी…..।