NHM कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग की रीढ़…अधिवक्ता चितरंजय
सक्ती NHM अर्थात राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के रीढ़ हैं तथा उनके हड़ताल में चले जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ती नजर आ रही है इन परिस्थितियों में NHM आंदोलन का अनिश्चितकालीन की घोषणा से भविष्य में स्वास्थ्य सुविधा के बदतर होने की संभावना बन रही है, यह बात 6 सितंबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग (विधि) के प्रदेश अध्यक्ष एवं अधिवक्ता चितरंजय पटेल NHM कर्मचारियों के मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि निश्चित रूप से सरकार लंबे समय से लंबित कर्मचारियों के जायज मांगों को शीघ्र पूरा करे ताकि आंदोलन से आम लोगों को हो रही परेशानी दूर हो सके।
वहीं पटेल ने आगे बताया कि NHM कर्मचारियों के आंदोलन की सफलता के लिए वृहद जन समर्थन अब तक नजर नहीं आ रहा है जबकि किसी भी आंदोलन में जब समग्र समाज साथ खड़ा होता है, तभी सरकार आपकी बात मानने के लिए बाध्य होती है इसलिए आंदोलनकारी ऐसी रणनीति पर काम करें कि NHM आंदोलन जन आंदोलन का स्वरूप ले।
छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ के तत्वाधान में आयोजित धरना प्रदर्शन में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग के जिलाध्यक्ष महेंद्र बरेठ, सचिव उदय मधुकर, मीडिया प्रमुख योम लहरे, योगेश सिदार के साथ अन्य संगठन के लोग मौजूद रहकर आंदोलन को समर्थन दिया।
आज NHM कर्मचारी संघ के जिला कार्यकारी अध्यक्ष विजय लहरे, विनोद राठौर,दीपक तिवारी,खुशबू राठौर आदि पदाधिकारियों के साथ जिले भर से बड़ी संख्या में NHM कर्मचारी, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान पर अनिश्चित कालीन आंदोलन में शामिल होकर आगाज किया है कि अब हम सरकार खिलाफ आर_पार की लड़ाई के लिए कमर कस लिए हैं तथा मांग पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा।