श्याम बाबा का किया गया भव्य व आकर्षक श्रृंगार, प्रख्यात भजन सम्राटों के मधुर श्याम भजनों से झूम उठे श्रद्धालु
सक्ती /- नगर की प्रतिष्ठित फर्म मांगेराम मानस अग्रवाल के सौजन्य से उनके निज निवास श्याम कुटीर (जिंदल प्लाजा के पीछे) में श्याम भजन संध्या ‘आशीर्वाद’ का भव्य आयोजन किया गया। इस दिव्य क्षण में नगरवासियों भक्तिरस में सराबोर हो गए। इस शुभ आयोजन में महाराज श्री मानवेंद्र सिंह चौहान (मंत्री, श्री श्याम मंदिर कमेटी, खाटू श्याम) का पावन सानिध्य भी प्राप्त हुआ।
श्याम प्रेमी मानस अग्रवाल ने बताया कि श्याम कुटीर में ‘आशीर्वाद’ भजन संध्या का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु उमड़ पड़े। उन्होंने बताया कि भक्ति और आस्था के महापर्व में भजन संध्या के दौरान मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत से बाबा श्याम का अभिषेक कर विशेष पोशाक पहनाया गया। बाबा का फूलों से आकर्षक श्रृंगार कर महाआरती की गई, जिसमें श्याम भक्तों ने 51 दीपकों से बाबा श्याम की आरती उतारी। इसके बाद बाबा के दरबार के समक्ष अखंड ज्योत प्रज्वलित की गई। गणेश वंदना से भजन संध्या का शुभारंभ हुआ। भजन गायकों के सुमधुर भजनों से श्रद्धालु भजनों पर ताली बजाते हुए झूम उठे। श्याम प्रेमी खड़े होकर भजनों पर जमकर भक्ति नृत्य करने लगे। बाबा का खीर, चूरमे, पंचमेवा आदि का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया गया। बाबा के दरबार में शीश नवाकर श्रद्धालुओं ने उनकी कृपा प्राप्त की। इस दौरान सैकड़ों श्याम प्रेमी मौजूद थे।

श्याम भजन संध्या में गूंजी भक्तिरस की स्वर लहरियां : भक्तों के हृदय को श्याम रस में सराबोर करने के लिए प्रख्यात भजन सम्राट सक्ती नगर पधारे। राज पारिक, मोनू सुल्तानिया, लव अग्रवाल, राज गुरु (कोलकाता) और आयुष सोमानी (जयपुर) जैसे विख्यात भजन गायकों ने अपने सुमधुर भजनों से बाबा श्याम को रिझा और भक्तों को भक्ति सागर में डूबो दिया।
भक्तों ने किए खाटू धाम के दिव्य स्वरूप के दर्शन : आयोजकों द्वारा बाबा श्याम का दिव्य श्रृंगार और दरबार खाटू धाम की प्रतिपूर्ति की गई। कोलकाता, मुंबई, बैंगलोर, पुणे और थाईलैंड से विशेष श्रृंगार सामग्री मंगवाई गई। बाबा का भव्य दरबार कोलकाता से आई 20 सदस्यीय टीम द्वारा अलौकिक स्वरूप में सजाया गया, जिसने पहली झलक में अपने अनुपम सौंदर्य से भक्तों का मन मोह लिया।
श्याम भक्तों के स्वागत और सेवा का विशेष प्रबंध : आयोजन में पहुंचे सभी श्याम प्रेमियों के ठहरने और भोजन प्रसादी की उत्तम व्यवस्था की गई थी। पूरे नगर को बाबा के जयकारों और भव्य बैनरों से सजाया गया था।

