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संगीतमय राधा अष्टमी का हुआ आयोजन



सक्ती  श्री राधा अष्टमी के अवसर पर इस वर्ष जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के जिलाध्यक्ष अर्जुन राठौर ने अपने कान्हा निवास पर श्री राधा जनोत्सव भागवताचार्य पंडित उत्तम मिश्रा के द्वारा संगीतमय श्री जी के जन्म का विस्तार से वर्णन किया गया आचार्य जी ने श्री राधा रानी के अन्य लीलाओं का बहुत ही सुंदर ढंग से कथा श्रवण कराया और कहा कि राधा जी अजन्मी है और इनके प्रागटय की अनेक कथा है राधा जी के पिता वृषभानु जी पूर्व जन्म में राजा नृग के पुत्र थे सुचंद्र और उनकी मां पितरों की मानसी कन्या थी कलावती जो कीर्ति राधा रानी की मां बनी राधा रानी की प्रगट के बारे में आचार्य जी ने कहा कि राधा जी को वृषभानू ने यमुना जी में कमल के ऊपर देखा अति सुंदर गौरवर्ण भोली सी कन्या को पुत्रि रूप में पाया और एक कथा प्रागटय के बारे में बताया कि राधा रानी को वृषभानु जी ने यज्ञ भूमि से प्राप्त किया आचार्य जी ने बताया कि राधा रानी श्री कृष्ण के सखा श्री दामा के श्राप से पृथ्वी लोक मे आई महाराज जी ने बतलाया कि 12 वर्ष कठिन तपस्या करके सुचंद्र और कलावती ने ब्रह्मा जी से वरदान में द्वापर में श्री राधा रानी को पुत्री के रूप में प्राप्त किया प्राग़टय के और राधा कृष्ण विवाह की कथा विस्तार से बताएं कि राधा रानी का विवाह कृष्ण के साथ भांडीर वन में हुआ यह कथा भी सुनाया कीर्ति और वृषभानु बड़े भाग्यशाली थे जो राधा रानी को पुत्री के रूप में पाया आचार्य जी ने कहा कि राधा और कृष्णा अलग नहीं है राधा ही कृष्णा है और कृष्ण ही राधा है जहां कृष्ण है वहां राधा है जहां राधा है वहां कृष्णा है श्री कृष्ण के प्राण है राधा हैआगे सभी भक्तो ने भी झूमकर नृत्य करते हुए श्री जी का जन्मोत्सव पर केक काटकर बड़ी धूमधाम से मनाया गया इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित जिला पंचायत सदस्य आयुष शर्मा, राम लखन राठौर, भुवन राठौर, महा सिंह भैना, एवं क्षेत्र के सैकड़ो भक्तों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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