छत्तीसगढ़सक्ती

राजस्व विभाग की लालफीताशाही से जमीन खरीदी-बिक्री ठप्प…जरूरतमंद विक्रेता और खरीददार परेशान

सक्ती नवीन जिला सक्ती में जमीन खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया इन दिनों राजस्व विभाग के लालफीताशाशी मनमानी के चलते बाधित है। यहां पर विक्रेताओं को उच्चाधिकारियों के अघोषित फरमान का हवाला देते हुए पटवारी के द्वारा नजरी नक्शा और बिक्री छांट नहीं दिया जा रहा है जिससे वांछित राजस्व दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण जहां जरूरतमंद विक्रेता अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं, वहीं जमीन खरीदने वाले इच्छुक लोगों को भी लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार सक्ती कलेक्टर द्वारा जेठा, सकरेली (ब) के समीप कुछ विशेष खसरा नंबरों की जमीन पर बिक्री छांट नहीं दिए जाने का अघोषित फरमान जारी किया गया है जो केवल कुछ विशेष खसरा नंबरों तक सीमित है, लेकिन राजस्व अमला अन्य खसरा नंबरों पर भी नजरी नक्शा और बिक्री छांट नकल देने से कतरा रहा है, जिससे जमीन के लेन-देन का कार्य लगभग ठप्प हो गया है।
इस संबंध में विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेठा और सकरेली (ब) की इन जमीनों में राजस्व विभाग मोटी कमाई का साधन खोज रहा है, क्योंकि जब कलेक्टर द्वारा यदि स्पष्ट आदेश जारी किया गया है तो इसके बाद भी कुछ जमीन की रजिस्ट्री कैसे हो रही है? इसका साफ अर्थ है कि जहां आर्थिक स्वार्थ पूरे होते हैं, वहां नजरी नक्शा और बिक्री छांट उपलब्ध करा दी जाती है तो वहीं आम लोगों को परेशान किया जा रहा है। तब ग्रामीणों और जरूरतमंद विक्रेताओं का कहना है कि विभागीय कर्मचारियों की यह कार्यशैली लोगों की समस्याओं को सिर्फ बढ़ा रही है क्योंकि जो किसान और भूस्वामी आर्थिक परेशानियों के चलते अपनी जमीन बेचना चाहते हैं, उन्हें दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण आज उनके समक्ष दिनप्रतिदिन आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है और कर्ज में जीने को मजबूर हैं तो वहीं खरीददार जमीन के सौदे में अनावश्यक देरी और अघोषित शासकीय अवरोध से उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है। फिर सरकार द्वारा खरीदबिक्री के सरलीकरण और पारदर्शी बनाने की घोषणा सिवाय कागजी घोषणा पत्र के अलावा कुछ भी नजर नहीं आता है खासकर शक्ति जिला में अधिकारियों का मनमानीपूर्ण रवैया न केवल विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि पारदर्शिता और विश्वास को भी दु:प्रभावित करता है। फलस्वरूप स्थानीय जनों ने कलेक्टर से मांग की है कि इस मामले में जल्द हस्तक्षेप कर दोषियों पर कार्रवाई करते हुए जिले में जमीन में खरीदबिक्री प्रक्रिया को सरकार के मंशानुरूप सरल व पारदर्शी बनाया जावे।

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