सक्ती मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने मंगलवार को ऐसे संकेत दिए कि वे राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर दिए गए निर्देश लागू करने के लिए कह सकती है। उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर हुई हैं, जिनमें से कुछ आवारा कुत्तों, सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं और मंदिरों में कुत्तों द्वारा श्रद्धालुओं पर हमले के संबंध में हैं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने जो डेटा उच्च न्यायालय में पेश किया, वह बेहद डराने वाला है। दावा किया गया है कि तमिलनाडु में कुत्तों के काटने के इस साल ही 3.67 लाख मामले सामने आए हैं, जिनमें से 20 लोगों की रेबीज की वजह से मौत हुई है।
दिल्ली और NCR में डॉग लवर्स और स्ट्रे डॉग्स को कंट्रोल करने वालों के बीच एक दीवार खड़ी हो गई है। डॉग लवर्स इस बात को लेकर परेशान हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्ट्रे डॉग्स पर जुल्म किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 8 हफ्ते में 5 हजार डॉग्स को पकड़ने का आदेश दिया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बेजुबानों के साथ बुरा सलूक किया जाएगा। उन्हें बेरहमी से पकड़ कर बंद कर दिया जाएगा, कहीं दूर मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा। इसीलिए Court के इस आदेश को वापस लिया जाना चाहिए। स्ट्रे डॉग्स से परेशान लोग बताते हैं कि कैसे कुत्तों ने बच्चों को नोच-नोच कर मार डाला, कैसे एक प्लेयर रेबीज का शिकार होकर हॉस्पिटल में तड़प रही है।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने आवारा कुत्तों की वजह से पैदा हो रही समस्याओं को जबरदस्त खतरा बताया और कहा कि नवजातों और छोटे बच्चों को किसी भी कीमत पर आवारा कुत्तों के काटने और रेबीज के खतरे से दूर रखना होगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम में भी लागू होगा। यानी इन शहरों से आवारा कुत्तों को हटाने के लिए प्रशासन के पास छह से आठ हफ्तों का वक्त है।
भारत में इस फैसले को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। मसलन- दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इस तरह का अभियान कैसे चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पेटा से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भाजपा नेता मेनका गांधी, प्रियंका चतुर्वेदी, आदि नेताओं ने टिप्पणी की है। इसके अलावा बॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज ने भी कोर्ट के आदेश को लेकर सवाल उठाए हैं और केंद्र सरकार से दखल की मांग की है।